इस शाम की आखें थोड़ी खामोश हैं, ठहरी हैं,
जो समय के पलकों के इंतज़ार में बैठी हैं,
उनके चेहरे पे जो खुशी बिखरी है,
काश मैं उनको कहीं कैद कर पाता
-- Anup kumar
जो समय के पलकों के इंतज़ार में बैठी हैं,
उनके चेहरे पे जो खुशी बिखरी है,
काश मैं उनको कहीं कैद कर पाता
-- Anup kumar
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